बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन और जाह्नवी कपूर की फिल्म ‘बवाल’ अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो चुकी है। बवाल फिल्म को वर्ल्ड वॉर 2 से जोडा गया है । बवाल फिल्म में कुच खामिया होने के बाद भी एंटरटेनमेंट में अपना संदेश देती है ।
Bawaal Movie Review: Varun Dhawan and Janhvi Kapoor starrer Bawaal film has been linked World War 2
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फिल्म के डायरेक्टर नितेश तिवारी और अश्विनी अय्यर है ने बनाई वरुण धवन और जाह्नवी कपूर स्टारर में बवाल फिल्म को रिलीज कीया ।
बॉलीवुड एक्टर वरुण धवण और जह्न्वी कपूर की फिल्म बवाल आज से अमेजॉन प्राईम वीडियो पर स्ट्रीम कर रही है ।
निर्देशक नितेश तिवारी की बवाल The film has been linked to the current World War 2.
बवाल फिल्म में इंसान के मन के अंदए चल रही लड़ाई और लालच तानाशाह हिटलर और सेकेंड वर्ल्ड वॉर से अलग नहीं है ।
बवाल फिल्म में कुछ खामियों के बावजूद फिल्म अपने एंटरटेनमेंट के मकसद में कामयाब होते हुवे एक सन्देश भी देती है ।
वरुण-जाह्नवी की ये फिल्म रोमांटिक ड्रामा है और फिल्म में प्यार और गुरूर को लेकर विपरीत सोच रखने वाले दो युवाओं की सोच और सफर को पेश किया गया है।
बवाल फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायलॉग पीयूष गुप्ता, श्रेयस जैन और निखिल मल्होत्रा का है।
बवाल फिल्म इस आइडिया पर बेस्ड है कि जीवन के गहरे मतलब को समझने में कैसे वर्ल्ड वॉर 2 और इतिहास के सबक काम आते हैं।
बवाल फिल्म में वरुण धवन (अजय दीक्षित) और जाह्नवी कपूर (निशा) का कैरेक्टर प्ले कर रहे हैं। फिल्म में उनकी शादीशुदा जिंदगी से लेकर अपनी इंडिविजुअल इच्छाएं देखने को मिलती हैं। अजय दिखावटी है और बनावटी गुरूर को ज्यादा तरजीह देता है। वह इतिहास का टीचर है जो जुगाड़ से छात्रों के बीच लोकप्रिय बना हुआ है।
अजय की शादी शहर की सबसे सु्ंदर और पढ़ी लिखी लड़की निशा से हुई है। फिर भी अजय शादी से खुश नहीं है। निशा के प्रति उसका रवैया बड़ा रूखा है। इसके बावजूद निशा उसके साथ है। निशा का अपना अतीत है। उसके चलते अजय और निशा जीवन में रूमानी मोहब्बत की कमी रही।
अजय और निशा लखनऊ से यूरोप की ट्रिप पर निकलते हैं। वहां वो उन जगहों पर जाते हैं, जो सेकेंड वर्ल्ड वॉर में हिटलर की क्रूरता का शिकार बनी थी। वहां से अजय और निशा एक दूसरे के बारे में क्या ढूंढ पाते हैं, कहानी उस बारे मे है।
बवाल फिल्म में खामीया?
स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग की ओर से मजबूत सहारे की जरूरत थी ।
थोड़ी और पेचीदगी, इमोशन और कलाकारों की अपने किरदारों में थोड़ी और जान डालने की जरूरत थी।