short story on environment with moral
एक छोटा सा गांव जो पहाड़ों और हरे-भरे मैदानों से घिरा हुआ था। यहां के लोग अपने पर्यावरण का ध्यान रखते थे और प्रकृति के साथ हमेशा मिलजुलकर रहते थे। गांव में एक बड़ी झील थी जो पक्षियों का घर था और उसकी सुंदरता वास्तव में आकर्षण का केंद्र बनी रखती थी।
एक दिन गांव में एक औद्योगिक कंपनी की स्थापना की जाने की खबर सुनाई दी। लोगों ने इसके खिलाफ विरोध किया क्योंकि वे जानते थे कि इसका पर्यावरण पर बहुत बुरा असर होगा। परंतु धनवान और बदले की आशा में कुछ लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया।
उस दिन के बाद से गांव में बदलाव की आवाज बुलंद हो गई। जंगलों के पेड़ों को काट दिया गया झील के पानी को प्रदूषित कर दिया गया और वनस्पतियों और पशु-पक्षियों का नाश हो गया। गांव का सुंदरता चीरते चले गई और सब कुछ बदलकर नगरीकरण के निशानों से भर गया।
एक राजू नामका लडका इस सबको देखकर बहुत दुखी हुआ। उसे याद आया कि उसकी दादी ने उसे कहा था कि प्रकृति हमारी माता है और हमें इसकी सुरक्षा करनी चाहिए। वह ताशीर में चला गया और लोगों को समझाने लगा कि प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से हमें ही नुकसान होता है।
राजू ने गांव में नगर प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और इस संकट को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उसकी इस कोशिश ने लोगों को प्रभावित किया और उन्होंने संगठन किया।
लोगों का संगठन जल्दी ही सफल हुआ और नगर प्रशासन ने औद्योगिक कंपनी को रोक दिया। लोगों ने पेड़ों को लगाने और झील को साफ करने के लिए काम शुरू किया। धीरे-धीरे प्रकृति की सुंदरता और पशु-पक्षियों की चहचहाहट वापस लौट आई।
मोरल :- हमें अपने प्राकृतिक वातावरण की देखभाल करनी चाहिए। प्रकृति हमारी संपदा है और हमें उसे बचाना और सुरक्षित रखना हमारा दायित्व है। हमें अपनी पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और सभी मिलकर पर्यावरण संरक्षा के लिए काम करना चाहिए।
short story natural environment
एक गांव में एक बड़ा जंगल था। वह जंगल घना, हरा-भरा और अपार प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ था। वहां पर पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और वन्य जीवों का विविधता ही अलग ही मधुर संगीत की तरह सुनाई देती थी।
एक दिन गांव के निवासियों को जंगल के प्रति उत्साह और समर्पण बढ़ाने का नया आविष्कार हुआ। उन्होंने तय किया कि प्रति सप्ताह एक बार वे सभी गांववासी जंगल के एक खंड में जाकर पेड़-पौधों को लगाएंगे जंगल की सफाई करेंगे और वन्य जीवों के लिए प्रदर्शनी आयोजित करेंगे।
इस आयोजन के साथ-साथ गांववासी अपनी संघटितता का प्रदर्शन करने लगे। वे सभी मिलकर पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने लगे। वे जंगल को साफ-सुथरा रखने के लिए कचरा साफ करने का भी संकल्प ले आए और अपने घरों में वृक्षों को लगाने का निर्णय भी लिया।
इस समर्पण और प्रयास के साथ जंगल में जीवन एक नया स्वर लेने लगा। पहले से भी अधिक पक्षियों और वन्य जीवों की आवाज सुनाई देने लगी और जंगल के बीच अपार शांति और समृद्धि का माहौल छा गया। यह जंगल अब एक पर्यावरणीय संरक्षण का प्रतीक बन गया।
मोरल :- प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने प्राकृतिक संपदा की रक्षा करनी चाहिए । पेड़ लगाने चाहिए अपने साथी पशु-पक्षियों के लिए सम्मर्पित होना चाहिए और पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। एक संगठित समुदाय के साथ मिलकर हम प्रकृति को संरक्षित कर सकते हैं और एक स्वस्थ, सुंदर और सामरिक पर्यावरण बना सकते हैं।